Wednesday, 1 November 2017



                                      

                                                                       

                                                   खौफ़

लोगों के दूर हो जाने से,
मुझे खौफ़ है|

रिश्तो के टूट जाने से,
मुझे खौफ़ है|

ये गुम्नामियाँ ही बेहतर है , ज़िन्दगी में|
मुस्कुराते चेहरे पर,चुप्पियाँ छुट जाने से |
मुझे खौफ़ है|

ना जानू  किसी को मैं,
ना कोई मुझे जाने|
लोगो में आने और चले जाने से ,
मुझे खौफ़ है|

जो दीखता है जैसा,
कहा होती फ़ितरत वैसी
वक़्त क साथ लोगो क बदल जाने से ,
मुझे खौफ़ है|

सागर की लहरें बेहतर है, चिनगारियो से|
उम्मीद रहती है लौटने की,चीजों के ख़त्म हो जाने  से
मुझे खौफ़ है|

जो की गलतियाँ,उसे माफ़ कर प्रभु|
तेरे रूठ जाने से ,
मुझे खौफ़ है||

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