Thursday, 2 November 2017



                                    अरमां


कह दो आसमानों से,
अरमा अभी रूठे नही.
पंख जो टूटे तो क्या ,
हौसले अभी छुटे नही|

:) :)

Wednesday, 1 November 2017



                                      

                                                                       

                                                   खौफ़

लोगों के दूर हो जाने से,
मुझे खौफ़ है|

रिश्तो के टूट जाने से,
मुझे खौफ़ है|

ये गुम्नामियाँ ही बेहतर है , ज़िन्दगी में|
मुस्कुराते चेहरे पर,चुप्पियाँ छुट जाने से |
मुझे खौफ़ है|

ना जानू  किसी को मैं,
ना कोई मुझे जाने|
लोगो में आने और चले जाने से ,
मुझे खौफ़ है|

जो दीखता है जैसा,
कहा होती फ़ितरत वैसी
वक़्त क साथ लोगो क बदल जाने से ,
मुझे खौफ़ है|

सागर की लहरें बेहतर है, चिनगारियो से|
उम्मीद रहती है लौटने की,चीजों के ख़त्म हो जाने  से
मुझे खौफ़ है|

जो की गलतियाँ,उसे माफ़ कर प्रभु|
तेरे रूठ जाने से ,
मुझे खौफ़ है||

Saturday, 22 July 2017

                                                 


                                         सच ज़िन्दगी का !!

ज़िन्दगी का जनाज़ा कब निकल जाए,ये किसको पता है ||
कब मौत दरवाजे पे दस्तक दे जाए, ये किसको पता है ||
मुलाजिम है हम सब उस हुक्मरां के|
कब अलविदा कहने का पैगाम आ जाए, ये किसको पता है||
मसले ज़िन्दगी के सुलझाने में उम्र बिता गये ||
कब खाक में मिलने का वक़्त आ गया, ये किसको पता है||
जो पल है , जी लो ख़ुशी से, कब साथ छोड़ जाने का वक़्त आ जाए
ये किसको पता है||
ज़िन्दगी की भाग दौर में मिसाइलो को सर चढ़ा लिया |
कब हसे थे लोट कर, कब ली थी चुटकिया ,याद भी न रहा||
कब यम का साथ हो लिए , ये किसको पता है||
  

बांवरा मन ||| परिकल्पनों के पर लिए, खुद उड़ना सीख जाता है| यदि बांवरा मन को क्षिचित्ज़ भी दीख जाता है, फ़िर खुली आँखों से सपने क्यों...