Thursday, 24 October 2013

                  वो सर्दी की रातें

वाह! क्या रात क्या शमा है,
आकाश काला और गहरा धुआँ है,
समय पल पल कटता जा रहा है,
पर क्यों रुकी है मेरी निगाहें ?
निगाहों में चंचलता की कमी है,
थोरी स्थिरता थोरी नमी है.
पीछे मुरकर ढूँढना चाहती है,
वो बचपन की बाते ,वो सर्दी की राते,
वो कंबल में घुसना और थोरा ठिठुरना ,
फिर माँ के सिराहने में सिर रख के सोना,
दुनिया को भूल माँ के पास होना,
स्थिर निगाहों को याद आती वो बाते,
बातों की मासूमियत और वो यादे .
आज भी ऋतू शीत की है,

पर न वो कंबल न माँ है,न वो बिस्तर ही है..!!! L L

Thursday, 29 August 2013

                               ..............मैं मेरे अकेलापन  और हमारा Laptop....


ये जिन्दगी अकेली है, या पहेली है.
काटे कटे नही दिन रात
फिर अकेलापन ही , मेरी सहेली है.
अगर उब जाऊ अकेले पन से तो जाऊ किसके पास
सब रुठ जाते है बस अकेलापन रह जाता है  साथ.
अब जब ये मालूम  है मुझे तो क्या कहू अकेले पन को...
उसे ही देती हू कुछ गीत सुना ..
अकेले में न लगे उसे सुनासुना...
फिर कई बार अकेले पन में ये ख्याल भी आता है..
अकेलापन क्यों सताता है..?
फिर वही अकेलापन हाथ थाम मुस्काता है..
कहता है अकेले हो चल laptop खोला जाये बार मज़ा आता है....
हँसते हुए हम भी click करने लग जाते है..
फिर हँसते है, कभी मंद मंद मुस्काते है..
चुपचाप रहने की आदत नही फिर भी चुप रह जाते है..
किससे करे गुस्सा ? किसस करे शिकवा ? ये सोच नही पाते है..
फिर अकेलेपन की तरफ हम भी हाथ बढ़ाते है..
फिर मैं और अकेलापन laptop देखने लग जाते है..
कभी taste  बदलना हो तो
Diary के पन्ने भी पलटते है..
भूली बिसरी बातों को फिर याद करने लग जाते है..
कभी रो परू तो .......
बरे प्यार से मेरे जुल्फ सहलाता है.. और प्यार से समझाता है..
चल laptop खोला जाये उसमे बार मज़ा आता  है..

J J



Friday, 23 August 2013

               कोई बात नहीं
कुछ कहा था तुमने जो मेरे दिल पे लगा था..
फिर मैंने बरी आसानी से कहा था कोई बात नही...
कई अल्फाज़ छिपे है इसके पीछे .. पर कोई बात नही..
कई जस्बात छिपे है..उस बात के पीछे पर कोई बात नही...
आसान नही होती कहना की कोई बात नही...
पर कोई बात नही..
कितनी क़ुरबानी है..उस बात के पीछे तुम्हे अहसास नही..
पर कोई बात नही..
आदत सि हो गयी है इस बात की मुझे..

कोई बात नही...

Saturday, 29 June 2013

TRIBUTE TO MY BELOVED SOLIDERS

                    TRIBUTE TO MY GALLANT SOLIDERS
In Uttarakhand  disaster happened. It was heart breaking  not  only for those whose kin and kith were there .But it is worst time for our nation .
Our  great leaders claim that india  is rich in technology , economy etc. It is a prosper country going to be develop  country. India is flourishing.  In  top 50  rich people  Indians  are also include. What will do of all these rubbish. If you can’t save life of ordinary people.
A simple  question to them why we simple and mad people elect you and make you a powerful leader.????
When calamity comes you selfish  greedy people at first save yourself .that time you barefaced people never think  the position you hold because of us. But after getting a position you never try to remember us.
Many people drowned many are under the wreck. Many have lost their family.  A lot of people died. I know, this devastated fury is not created by you. But why could you people  not think about all hapless citizens???
Why our gallant  soldiers  at first saved you. Who are our brothers, husband, sons. While for whom you leaders have very strict rule about  their leave .And still at first saved you all. In constitution  there is no any sign of your priority. And  school going children also do pledge everyday that every citizen of india  is same .
I want to clear this… nation is because of us .We  are not because of you selfish people. In this pathetic  time you all are  still busy in politics. Some of you again trying to get attention. Why are you ready to count your help and make us believe that you are caring about us.
Yesterday, 20 brave soldiers died . and our respected leaders is simply  given a statement that they will never forget them. Huh!! These selfish leaders  are poor in words also.

They are the  real heroes. Who are always ready. Without  any  partiality. Without counting  their help  and   selfless   care. Because their  helps are uncountable or can say beyond the scope of counting.

  
 Salute to my beloved  soldiers!!!!  


  

Friday, 28 June 2013

मेरा अकेलापन.

फिर वही अकेलापन मेरे पास है ..

सब साथ है पर वो पास है....

हजारो के बीच में भी वही खास है...

वही मेरी रूह है मेरे जस्बात है..

फिर वही अकेलापन मेरे साथ है..

हसने हँसाने को कई है यहाँ

पर वो तो मेरी चुप्पी में भी मेरे साथ है...

मेरी ख़ामोशी मेरे शरारत झेलता मेरा आगाज़ है ...

कहने को कई साथ है ...

पर अकेलापन मेरी शायरी है

मेरी आवाज़ है...

कहने को तो कई है यहाँ ....

पर मेरे लिए तो वही खास है...

मेरा अकेलापन सबसे जुदा है.. सबसे बिंदास है..


 J  Jbhartisanghmitra.blogspot.combhartisanghmitra.blogspot.com

Friday, 21 June 2013


                पतंग मेरे मन की !!!

इच्छाओ के पर जन्म लेकर खुद ही कट जाते है ,

पर अपने कटने का गम मेरे पास छोड़ जाते है,

गम के सहारे जिंदगी नही कटती है,

हम फिर नई पतंग उड़ाते है ,

डर रहता है, उनके भी कटने का पर,

फिर भी अपनी मन की पतंग उड़ाते है ,

मन की चंचलता क साथ हम भी कुछ दूर चले जाते है,

कभी ठोकर खाते है,कभी गिरते है ,

फिर रोते है , उठ जाते है

खुद से कई सवाल पूछते है .

फिर जवाब खोज नही पाते  है,

फिर भी नई पतंग उड़ाते है .... J J

Thursday, 6 June 2013

iTs mY LiFe wAnT tO LiVe iN mY wAy: क्योंकि मैं लड़की हूँ ??

iTs mY LiFe wAnT tO LiVe iN mY wAy: क्योंकि मैं लड़की हूँ ??:   अभी अभी तो प्रस्फुटित हो आई   इस संसार में. अभी तो साँस लेने दो...  मोरो न मझदार में..  अभी तो कलि हू कोपल हू. इस ससार में अभ...

क्योंकि मैं लड़की हूँ ??



 अभी अभी तो प्रस्फुटित हो आई  इस संसार में.
अभी तो साँस लेने दो...
 मोरो न मझदार में..
 अभी तो कलि हू कोपल हू. इस ससार में
अभी न धकेलो मुझे समाज के हाहाकार में..
अभी तो साँस लेने दो..
मोरो न मझदार में...
अभी तो चंद गिनती की सासे लि है..
अभी अभी  तो  रुखसत की है..
क्यों बेरियो  में बंधना चाहते हो.
क्यों मुझे जिंदा मौत मारना चाहते हो..
क्यों नही जीने दे रहे मेरे हक की जिंदगी मुझे..
जीने दो कुछ वक्त जीना है मुझे..
क्यों मेरे पंखो को काटना चाहते हो??
क्यों मुझे बेमौत मारना चाहते हो..
अपनी जिंदगी पे भी हक नही हमारा..
ऐसा क्यों जताना चाहते हो.??.
क्यों हर हमेशा उफ़ का एहसास दिलाते हो.??
क्यों अपने होकर भी मुझे पराया बनाते हो..
क्यों मुझे जाने अनजाने बोझ बताते  हो ??
क्यों मेरी खुशी सोच नही पाते हो.?
क्यों ? क्योंकि मैं एक लड़की हूँ.. L L

Tuesday, 4 June 2013

हमारी कलम

कहते है लोग इश्क में शायर बन जाते है,
पर हम तो बिना इश्क क कलम चलाते है,
हमारी कलम मोरनी की  तरह नही,
 जो बारिश में नाचा करती है.
हमारी कलम तो हिरनी है
जो हर वक्त कुलाचे भरती है.
वक्त की परवाह नही करती हमारी कलम ,
बेपरवाह लिखती है नए नगमे नए सरगम.. J
.

Saturday, 11 May 2013

दिखावे से सावधान !!!! 


              दिखावे से सावधान !!!!   J
 अक्सर पहली मुलाकात में ,
हम चेहरे की रंगत पे चले जाते है.
यही होती है हमारी नादानी की,
दिल में क्या है ? झांक नही पाते है.
उनके face powder की चमक बरी लुभावनी लगती है,
उनके perfume की खुशबू में खुद को खोया पाते है.
अक्सर पहली मुलकात में.........
उनके होठो से गिरा हर शब्द मोती सा लगता है,
उनके शब्दों के जाल में फसते चले जाते है.
अक्सर पहली मुलकात में ...
जब नजदीकियां बढती है धीरे धीरे,
कुछ अटपटा सा पाते है,
 दिल कुछ कहता है फिर भी हाँ में हाँ मिलते है.
वक्त तो कट ता जाता है,
पर खुद को खुद से दूर पाते है.
फीकी लगने लगती है face powder की चमक,
और perfume में मदहोश भी हो न पाते है.
फिर न जाने कब उस  दमकते चहरे का साथ छोड़ .....
      अजनबी बन जाते है..... J J




Friday, 10 May 2013

कुछ कुछ मीठी यादे..:)

कभी कभी कुछ  बाते दिल को कितना छु जाती है ,चाहे अच्छी हो या बुरी.कुछ बातों का दिल पर कितना गहरा असर हो जाता है.जिनका वास्तविक दुनिया से  शायद ज्यादा मतलब न भी हो सही. पर अपने लिए कितना मायने रखती है वो पल वो बाते अजीब है न.. फिर भी अच्छी लगती है. J
जैसे आज ही एक घटना हुई हो !! ,दोस्तों की डायरी के पन्ने लिखते लिखते थोड़ा गहराइयों में चली गयी ...
 याद आ गया वो पल . जब मेरा maths  का पेपर अच्छा नही हुआ था..बहुत  दुखी थी  उस दिन
रूम आकर बिल्कुल चुप. जबकि ऐसे मौके बहुत कम आते ह जब मैं चुप रहू J J.थोड़ा टेंशन होते ही तो खाना छुट ही जाता है..
 उस दिन भी कुछ वैसा  ही हुआ. उन दिनों बीमार थी एक सप्ताह से .इसलिए अच्छी तयारी भी नही हो पाई थी.
पर उन बातों का क्या बाद में तो mark sheet ही साथ रह जाता है.बीमारी को तो मारो गोली. J
फिर रूम से निकल कर बाहर आ गयी रूम मेट से बिना कुछ कहे..
थोड़ा सोचा क्या करू फिर नीचे जाने लगी. एक दोस्त मिल गयी कहने लगी यार तेरा मूड ऑफ लग रहा है.
 और जब दुःख में कोई थोरा भी प्यार दिखाए तो उससे अच्छा और कौन लगता ह तब.!! J
बहुत  देर बाते हुई फिर उसके पास ही सो गयी .बीमार थी तो नींद भी आ गयी जल्दी. मेरे मोबाइल का तो कभी ठिकाना नही रहता. क्या करू हर रोज रिंग भी नही होता है. इसलिए उस  से तो कोई मोह माया ही नही है.
मोबाइल रूम में और मैं दोस्त क रूम में..

मैंने सोचा भी नही था. की क्या हो सकता है इसका परिणाम .. J J
बहुत अजीब था पर अच्छा था...
मेरे दोस्तों की जो टोली है. वो तो मुझे पागल सनकी समझते है. ..
उनको लगा की मैं खो गयी हू,सुबह से कुछ खाया  नही है. कई दिन से बीमार हू .पेपर भी खराब हो गया.फिर  आप जानते ही ह.. मोबाइल भी साथ नही था मेरे ... L सब क सब परेशान.. सबको लगा ये सनकी हुई आत्मा पता नही कहा जा कर भटक रही होगी...:) लगभग ३०-३२ लोग जो  की मेरे दोस्त है..मुझे खोजने निकल गए.
 कोई राम मंदिर चला गया तो कोई हॉस्पिटल कोई कॉलेज कैम्पस में तो कोई बस स्टैंड.:)
सब काफी परेशान हुए.
पर मुझे खोज नही पाए.कोई मेरे लिए मंदिर में नारियल चढाने की बात  कर रहा था.. तो कोई मेरे से हमेशा प्यार करने के वादे. बहुत लोग तो रोने भी लगे थे की मैं कहा चली गयी. J सबको तो ये चिंता भी हो चुकी थी की अगर मेरे घर वालो का फोन आये तो वो क्या बोलंगे कैसे बोलंगे.. की मैं...... J J
मेरे रूममेट ने तो तय भी कर लिया की अब तो मेरे घर वालो को बता ही देना चाहिए की मैं ...:)
फिर मेरी नींद खुली और मैंने  उस दोस्त से कहा अरे बहुत शाम हो गयी यार अब जाती हूँ मूड भी ठीक लग रहा है अब.फिर  उसको  अलविदा बोल कर जब निचे से ऊपर आई  तो देखा कोई रो रहा है कोई सर पे हाथ रख कर बैठा है. तो कोई चिला रहा है. अरे तुम कहा थी.. कितनी देर से खोज रहे थे तुम्हे....
मैं तो सो कर उठी थी दिमाग  का नेटवर्क कनेक्शन लूस था..फिर  धीरे धीरे बात समझ में आई की यहा तो मेरे लिए लोग मातम मना रहे है.. और मैं चैन की नींद सो रही थी.. J J
कितना अजीब है न. !! J पर मेरे लिए तो यादगार ..उस दिन एहसास हुआ सच में कितने स्पेसिअस्ल हूँ ..कितना प्यार करते है सब.. ;)
सब ने खूब गुस्सा दिखाया और मैं चुप रही .. थोड़ा smile दिया.. और कोई प्रतिक्रिया समझ ही नही आई उस वक्त.
पर ये किस्सा  हमेशा याद रहेगा.. हमेशा..!!  J J











बांवरा मन ||| परिकल्पनों के पर लिए, खुद उड़ना सीख जाता है| यदि बांवरा मन को क्षिचित्ज़ भी दीख जाता है, फ़िर खुली आँखों से सपने क्यों...