Friday, 28 June 2013

मेरा अकेलापन.

फिर वही अकेलापन मेरे पास है ..

सब साथ है पर वो पास है....

हजारो के बीच में भी वही खास है...

वही मेरी रूह है मेरे जस्बात है..

फिर वही अकेलापन मेरे साथ है..

हसने हँसाने को कई है यहाँ

पर वो तो मेरी चुप्पी में भी मेरे साथ है...

मेरी ख़ामोशी मेरे शरारत झेलता मेरा आगाज़ है ...

कहने को कई साथ है ...

पर अकेलापन मेरी शायरी है

मेरी आवाज़ है...

कहने को तो कई है यहाँ ....

पर मेरे लिए तो वही खास है...

मेरा अकेलापन सबसे जुदा है.. सबसे बिंदास है..


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