Thursday, 21 April 2016



...................................................तो अच्छा होता माँ ......................................

जो यहा से भी तुमको देख पाती माँ,
जो साथ न होकर भी साथ मेरे हो पाती माँ,
तो अच्छा होता ||
जो करवट बदलती मैं बिस्तर पे तुमको पाती माँ,
जो मिलो दूर भी तुम्हारे पास रह पाती माँ,
तो अच्छा होता ||
जो यहा हो कर भी साथ तुम्हारे पापा के मज़े ले पाती माँ,
जो पड़ोसियों की नक़ल मार साथ तुम्हारे लोट पॉट हो पाती माँ,
तो अच्छा होता ||
जो नींद खुलती यहा भी आवाज़ से तुम्हारी माँ,
जो दिन भर मुझे खिलाने की जिद्द तुम्हारी यहा भी हो पाती माँ,
तो अच्छा होता ||
जो मजिल की तलाश में इतनी दूर तुम साथ आ पाती माँ,
या वो मंजिल ही मिल जाती जो पास तुम्हारे आती है माँ,
तो अच्छा होता ||


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