कोई बात नहीं
कुछ कहा था तुमने जो
मेरे दिल पे लगा था..
फिर मैंने बरी आसानी
से कहा था कोई बात नही...
कई अल्फाज़ छिपे है
इसके पीछे .. पर कोई बात नही..
कई जस्बात छिपे
है..उस बात के पीछे पर कोई बात नही...
आसान नही होती कहना
की कोई बात नही...
पर कोई बात नही..
कितनी क़ुरबानी
है..उस बात के पीछे तुम्हे अहसास नही..
पर कोई बात नही..
आदत सि हो गयी है इस
बात की मुझे..
कोई बात नही...
KOI BT NAHIII...;)
ReplyDeleteWAHI TO KAHA KOI BAAT NHI!!! .. SOLUTN OF ALL PROBLMS.. :)
Deleteह्रदय के अंतस्तल से प्रस्फुटित लगते ये शब्द निहित भावों को समझाने में समर्थ है...शब्दों का चयन उत्तम है......'अल्फाज़' शब्द के चयन पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है केवल यही शब्द थोडा कमजोर दीखता है पूरी कविता में....'कोई बात नहीं ' की हर आवृत्ति एक नया स्पंदन उत्पन्न करती है पढने वाले के ह्रदय में.....एक अच्छी कोशिश दीख पड़ती है मनोभावों को शब्दों में उतारने की ....शुभकामनायें.....
ReplyDeletebahut accha laga ye jan kar ki apko mera prayaas pasand aya..
Deleteagli bar ki koshish is se behtar karungi aur shabdo k chayan ka bi dhyan rkhungi...
meri bhavnao ko samjhne k liye dil se shukriya!!! :)
ह्रदय के अंतस्तल से प्रस्फुटित लगते ये शब्द निहित भावों को समझाने में समर्थ है...शब्दों का चयन उत्तम है......'अल्फाज़' शब्द के चयन पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है केवल यही शब्द थोडा कमजोर दीखता है पूरी कविता में....'कोई बात नहीं ' की हर आवृत्ति एक नया स्पंदन उत्पन्न करती है पढने वाले के ह्रदय में.....एक अच्छी कोशिश दीख पड़ती है मनोभावों को शब्दों में उतारने की ....शुभकामनायें.....
ReplyDeletekeep it up...yar very nice..
ReplyDeleteThanx abhishek to encourage me and always read my blog.. :)
Deletewaw yar sanghmitra.............tum to sach me lekhika ho gayi ho....
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