Friday, 10 May 2013

कुछ कुछ मीठी यादे..:)

कभी कभी कुछ  बाते दिल को कितना छु जाती है ,चाहे अच्छी हो या बुरी.कुछ बातों का दिल पर कितना गहरा असर हो जाता है.जिनका वास्तविक दुनिया से  शायद ज्यादा मतलब न भी हो सही. पर अपने लिए कितना मायने रखती है वो पल वो बाते अजीब है न.. फिर भी अच्छी लगती है. J
जैसे आज ही एक घटना हुई हो !! ,दोस्तों की डायरी के पन्ने लिखते लिखते थोड़ा गहराइयों में चली गयी ...
 याद आ गया वो पल . जब मेरा maths  का पेपर अच्छा नही हुआ था..बहुत  दुखी थी  उस दिन
रूम आकर बिल्कुल चुप. जबकि ऐसे मौके बहुत कम आते ह जब मैं चुप रहू J J.थोड़ा टेंशन होते ही तो खाना छुट ही जाता है..
 उस दिन भी कुछ वैसा  ही हुआ. उन दिनों बीमार थी एक सप्ताह से .इसलिए अच्छी तयारी भी नही हो पाई थी.
पर उन बातों का क्या बाद में तो mark sheet ही साथ रह जाता है.बीमारी को तो मारो गोली. J
फिर रूम से निकल कर बाहर आ गयी रूम मेट से बिना कुछ कहे..
थोड़ा सोचा क्या करू फिर नीचे जाने लगी. एक दोस्त मिल गयी कहने लगी यार तेरा मूड ऑफ लग रहा है.
 और जब दुःख में कोई थोरा भी प्यार दिखाए तो उससे अच्छा और कौन लगता ह तब.!! J
बहुत  देर बाते हुई फिर उसके पास ही सो गयी .बीमार थी तो नींद भी आ गयी जल्दी. मेरे मोबाइल का तो कभी ठिकाना नही रहता. क्या करू हर रोज रिंग भी नही होता है. इसलिए उस  से तो कोई मोह माया ही नही है.
मोबाइल रूम में और मैं दोस्त क रूम में..

मैंने सोचा भी नही था. की क्या हो सकता है इसका परिणाम .. J J
बहुत अजीब था पर अच्छा था...
मेरे दोस्तों की जो टोली है. वो तो मुझे पागल सनकी समझते है. ..
उनको लगा की मैं खो गयी हू,सुबह से कुछ खाया  नही है. कई दिन से बीमार हू .पेपर भी खराब हो गया.फिर  आप जानते ही ह.. मोबाइल भी साथ नही था मेरे ... L सब क सब परेशान.. सबको लगा ये सनकी हुई आत्मा पता नही कहा जा कर भटक रही होगी...:) लगभग ३०-३२ लोग जो  की मेरे दोस्त है..मुझे खोजने निकल गए.
 कोई राम मंदिर चला गया तो कोई हॉस्पिटल कोई कॉलेज कैम्पस में तो कोई बस स्टैंड.:)
सब काफी परेशान हुए.
पर मुझे खोज नही पाए.कोई मेरे लिए मंदिर में नारियल चढाने की बात  कर रहा था.. तो कोई मेरे से हमेशा प्यार करने के वादे. बहुत लोग तो रोने भी लगे थे की मैं कहा चली गयी. J सबको तो ये चिंता भी हो चुकी थी की अगर मेरे घर वालो का फोन आये तो वो क्या बोलंगे कैसे बोलंगे.. की मैं...... J J
मेरे रूममेट ने तो तय भी कर लिया की अब तो मेरे घर वालो को बता ही देना चाहिए की मैं ...:)
फिर मेरी नींद खुली और मैंने  उस दोस्त से कहा अरे बहुत शाम हो गयी यार अब जाती हूँ मूड भी ठीक लग रहा है अब.फिर  उसको  अलविदा बोल कर जब निचे से ऊपर आई  तो देखा कोई रो रहा है कोई सर पे हाथ रख कर बैठा है. तो कोई चिला रहा है. अरे तुम कहा थी.. कितनी देर से खोज रहे थे तुम्हे....
मैं तो सो कर उठी थी दिमाग  का नेटवर्क कनेक्शन लूस था..फिर  धीरे धीरे बात समझ में आई की यहा तो मेरे लिए लोग मातम मना रहे है.. और मैं चैन की नींद सो रही थी.. J J
कितना अजीब है न. !! J पर मेरे लिए तो यादगार ..उस दिन एहसास हुआ सच में कितने स्पेसिअस्ल हूँ ..कितना प्यार करते है सब.. ;)
सब ने खूब गुस्सा दिखाया और मैं चुप रही .. थोड़ा smile दिया.. और कोई प्रतिक्रिया समझ ही नही आई उस वक्त.
पर ये किस्सा  हमेशा याद रहेगा.. हमेशा..!!  J J











3 comments:

  1. College के दिन हमेशा याद आएँगे। अब तो जाना है आपको। ये यादें ही रह जाएँगी बस। :)

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  2. Bilkul sahi nimo.i will miss my clg days :-(

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  3. are yar kya tum bhi..............but koi nahi ye to socho ki tumhe kitne achhe friend mile....

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बांवरा मन ||| परिकल्पनों के पर लिए, खुद उड़ना सीख जाता है| यदि बांवरा मन को क्षिचित्ज़ भी दीख जाता है, फ़िर खुली आँखों से सपने क्यों...